Hindi Story No Further a Mystery

काफ़ी समय पहले की बात है। गर्मियों का महीना था और कुछ काम से दो दोस्त जंगल से गुज़र रहे थे। वो दोनों ही ये भली भाँति जानते थे कि यह जंगल एक खतरनाक जगह है, जहां किसी भी जंगली जानवर से उनका सामना हो सकता है। इसलिए, घर से निकलने से पहले ही उन्होंने किसी भी खतरे की स्थिति में एक-दूसरे को साथ निभाने का वादा किया website हुआ था।

उसकी दहाड़ बहुत दूर तक सुनाई देने लगी। वहीँ पास के रास्ते से चूहा गुजर रहा था और जब उसने शेर की दहाड़ सुनी तब उसे आभास हुआ की शेर तकलीफ में है। जैसे ही चूहा शेर के पास पहुंचा वो तुरंत अपनी पैनी दांतों से जाल को कुतरने लगा और जिससे शेर कुछ देर में आजाद भी हो गया और उसने चूहे को धन्यवाद दी। बाद में दोनों साथ मिलकर जंगल की और चले गए।

दो चूहे – Two Mice Hindi A mouse went out for an adventure and satisfies a peculiar mouse or so he termed himself. The mouse then went on to indicate and check out to help make this so referred to as mouse verify him self if He's as mousy as he claimed to become. So on they went, …

एक दिन सर्कस में जाने वाले एक व्यक्ति ने रिंगमास्टर से पूछा: “इन हाथियों ने रस्सी तोड़कर भाग क्यों नहीं लिया?” इस सवाल पर रिंगमास्टर ने उत्तर दिया की : “जब वे छोटे थे, तब इन हाथियों को पतले पतले रस्सी से बंधा जाता था, लेकिन वो छोटे होने के कारण से जितनी कोशिश करने पर भी उस रस्सी से छूट नहीं पाते थे।

ये आवाज़ असल में एक कुत्ता था जो महावत की थाली से बचा हुआ खाना खा रहा था। वहाँ पर हाथी का रखवाला महजूद नहीं था। चूंकि शाही हाथी हर दिन अकेले ही उस टीले में चरता था, इसलिए उसे कुत्ते के खाने या झपकी लेने से कोई फर्क नहीं पड़ा।

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की दोस्त सभी आकारों में आते हैं। जब आप बिना शर्त दोस्ती बनाते हैं, तो यह हमेशा के लिए रहता है।

गाँव में एक बुढ़ा व्यक्ति रहता था। वह दुनिया के सबसे बदकिस्मत लोगों में से एक था। सारा गाँव उसके अजीबोग़रीब हरकत से थक गया था।

एक दिन, खोजबीन के दौरान, एमिली को ये एहसास हुआ कि उसने अपनी चाबी खो दी है। उसने हर जगह ढूंढा, लेकिन कहीं पता नहीं चला। वह बहुत दुखी थी, और उसने सोचा कि वह फिर कभी अपना खजाना बॉक्स नहीं खोल पाएगी। इसलिए उसका मन बहुत ही दुःख हुआ।

बहुत समय पहले की बात है। उस समय राजा कृष्णदेवराय जी का राज हुआ करता था। एक दिन, राजा कृष्णदेवराय के दरबार में, दूर देश के एक व्यापारी ने विजयनगर के दरबारियों की परीक्षा ली। उसने दरबार में आक़ार राजा से कहा, “मैंने आपके दरबार की महिमा के बारे में सुना है। मेरे पास आपके न्यायालय के लिए एक परीक्षा है!”

ऐसे ही एक दिन राजा अपने हाथी से मिलने आया और उसने देखा की उसका साही हाथी, बिलकुल बीमार मालूम पड़ रहा है, न वो खाता है न ही कुछ करता है। बस चुप चाप से एक जगह में पड़ा रहता है। 

अब बाकी सभी जानवर धीरे-धीरे बाहर आ गए और शेर की हार को लेकर आनंदित होने लगे। वे हाथी के पास गए और उससे कहा, “तुम्हारा आकार एकदम सही है हमारा दोस्त बनने के लिए !”

कुछ समय बाद, भालू ज़मीन पर पड़े दोस्त के पास आया। उसने उसके कान के पास सूंघा और कुछ समय वहीं रुका फिर वो धीरे-धीरे वहां से चला गया, क्योंकि भालू मृत जीवों को नहीं छूते हैं। जब भालू वहाँ से चला गया तब उसके कुछ समय बाद पहला दोस्त जो की पेड़ पर चढ़ा था वो पेड़ से नीचे उतरा। उसने नीचे आकर अपने दूसरे दोस्त से पूछा, “प्रिय मित्र, भालू ने तुम्हारे कान में क्या रहस्य बताया?

आपका यह पोस्ट वाकई में बहुत ही अच्छी है, मैंने आपका यह लेख पढ़ा और इस पोस्ट को मैंने अपने विद्यार्थियों को भी भेजा ताकि वो ऐसी उपयोगी जानकारी सही जगह से प्राप्त कर सके.

उन्होंने उससे सवाल दोहराया। सवाल था, “शहर में कितने कौवे हैं?“

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